Community Poems – Please share your poems › लड़का हमेशा पराया हो जाता है।
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लड़का हमेशा पराया हो जाता है।
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चाहे दिलो के अंदर कितनी उदासी हो,
फिर भी चेहरे पर मुस्कान लाता है..
मां के हाथ से खाने वाला,
अब खाना खुद बनाता है..
जब तक पापा की डांट ना पड़े
तब तक सोने वाला,
अब जल्दी काम पर जाता है..
बहन के साथ लड़ने वाला,
राखी को तरस जाता है…
पूरे शहर मोहल्ले में हुड़दंग मचाने वाला,
आफिस तक सिमट जाता है…
त्योहारों पर सबसे ज्यादा उत्साहित रहने वाला,
मुश्किल से घर पर एक फोन कर पाता है..
अपने अल्हड़पन और नादानियों को छोड़,
अब वो समझदार हो जाता है..
एक बेटा, एक भाई,एक पति और फिर एक पिता ,
इन सब का फ़र्ज़ वो बखूबी निभाता है..
सबकी ख्वाहिशों को पूरा करके,
अपनी जरूरतों को कुर्बान कर जाता है..
अपना घर परिवार और शहर छोड़,
वो सबके लिए खुशियां कमाने जाता है..
बेटी ही नहीं होती है विदा,
“बेटा भी पराया हो जाता है”.. -
चाहे दिलो के अंदर कितनी उदासी हो,
फिर भी चेहरे पर मुस्कान लाता है..
मां के हाथ से खाने वाला,
अब खाना खुद बनाता है..
जब तक पापा की डांट ना पड़े
तब तक सोने वाला,
अब जल्दी काम पर जाता है..
बहन के साथ लड़ने वाला,
राखी को तरस जाता है…
पूरे शहर मोहल्ले में हुड़दंग मचाने वाला,
आफिस तक सिमट जाता है…
त्योहारों पर सबसे ज्यादा उत्साहित रहने वाला,
मुश्किल से घर पर एक फोन कर पाता है..
अपने अल्हड़पन और नादानियों को छोड़,
अब वो समझदार हो जाता है..
एक बेटा, एक भाई,एक पति और फिर एक पिता ,
इन सब का फ़र्ज़ वो बखूबी निभाता है..
सबकी ख्वाहिशों को पूरा करके,
अपनी जरूरतों को कुर्बान कर जाता है..
अपना घर परिवार और शहर छोड़,
वो सबके लिए खुशियां कमाने जाता है..
बेटी ही नहीं होती है विदा,
“बेटा भी पराया हो जाता है”..By Amit Mishra
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