अनदेखा सा हसीन चेहरा ,रोज़ ख्वाबों में चुपके से आता
मेरे करीब आके, मेरी नींद ही उड़ा जाता
बूंद बूंद अभिलाषा पिघल कर, आंखों में उतर आता
मासूम सा वह चेहरा, पल भर में ही ओझल हो जाता
काश मैं उनकी कोई तस्वीर, अपने दिल में बना पाता
सुबह -शाम देखकर, अपने सीने से लगा पाता